Monday, 22 December 2014

Kailash Yadav :- Mumbai History

The city is a modern metropolis whose history is now fast fading into obscurity. Although many may not know the story about the birth of this beautiful city, Mumbaikars are passionate about their rich past and heritage. The name Mumbai is an eponym, derived from the name of a local Goddess called Mumbadevi. The history of this beautiful city dates back to the formation of the seven islands, namely Colaba, Mazagaon, Mahim, Parel, Bombay Island, Worli and Old Woman's Island. This group of islands infact formed a part of the kingdom of Ashoka, the famed Buddhist emperor of India. Following the death of the king, the ownership of these islands was passed on and they were later colonized by a number of different rulers. From the early 19th century, the city went under a massive reconstruction and also experienced a boost in the economy during the American Civil War. Apart from the reconstruction and the ownership, Mumbai (previously called Bombay) has also been witness to mass carnages during the Second World War and the Hindu-Muslim Riots. A series of refurbishments and battles later, the city was officially deemed as the capital of the state of Maharashtra. Scroll further for more on Mumbai and its heritage.

Post-Independence
Post-independence, the city expanded drastically and a number of suburban towns were incorporated within the city limits such as Borivali, Andheri, Malad, Thane and Bandra. In 1960, Bombay became the new capital of Maharashtra. Sky-scrapers, towering architecture, the Bombay Stock Exchange, tarred roads and a boom in the secondary and tertiary sector changed the city's status and brought it up to one of the top four cities in the country. Today, Mumbai is the fourth most populous city in the world.

Mumbai is the business capital of India and is also one on the largest cities in the country. The present population of Mumbai is estimated to be millions and is still growing. Not many know however, how the population grew or how the city got its status as the commercial capital of India. The insight into the history of this glorious city is the answer to its inspiriting beginnings and eminence around the world.




















Monday, 10 November 2014

Mélissa Theuriau is a French journalist and news anchor who got highest Salary in Media field

  1. Mélissa Theuriau
    TV Journalist















  2. Mélissa Theuriau is a French journalist and news anchor for M6. She studied Journalism and became a newscaster on TV. 
  3. BornJuly 18, 1978 (age 36), Échirolles, France
  4. Height1.73 m
  5. SpouseJamel Debbouze (m. 2008)
  6. ChildrenLéon Debbouze, Lila Debbouze
  7. TV showsZone Interdite

Tuesday, 4 November 2014

CREAMY LAYER LIMIT RAISED TO RS 6 LAKH

        

 
The creamy layer limit has been increased to 6 lakh from 4.5 lakh.. There is no change in other criteria set earlier. Department of Personnel and Training of Government of India vide its office memorandum no. 36033/1/2013 (Estt- Res) has raised income limit from 4.5 lakh to Rs 6 lakh per anum for determining the Creamy Layer amongst OBC with effect from 16th May 2013
The National Commission for Backward Classes (NCBC) comprising Chairman Justice MN Rao, members RS Kharvendan, Deepak Katole and Shakeel uz zaman Ansari, had recommended to the Government to double the ceiling to at least `9 lakh.
Minister Vayalar Ravi and steel minister Beni Prasad Verma who had demanded fixing creamy layer limit at Rs 12 lakh.
Besides Ravi and Verma, ministers such as Veerappa Moily, Pallam Raju and V Narayanasamy have been backing the demand for a higher ceiling.  Prime Minister Dr Manmohan Singh  refer the issue to the Group of Ministers..
The Group of Ministers headed by Finance Minister P Chidambaram had recommended Creamy Layer limit - to Rs 6 lakh.  The cabinet took decision on 16th May 2013 on recommendation of GoM to increase creamy layer limit to 6 lakh

Tuesday, 7 October 2014

नांदेड शहरातील परिस्थिति आटोक्यात

नांदेड : अप्रिय घटनांचा निवडणूक काळात गैरफायदा घेतला जाऊ नये, अशी अपेक्षा आहे. तसे झाल्यास अशा घटकांबाबतही वेळीच माहिती द्या. सामाजिक सलोखा व शांतता कायम राखण्यासाठी सहकार्य करा. दरम्यान, सोशल मीडिया व अन्य माध्यमांद्वारे अफवा पसरविणार्‍यांवर सायबर सेलचे लक्ष असल्याचे जिल्हाधिकारी धीरजकुमार यांनी सांगितले.
शहरातील शांतता व कायदा सुव्यवस्था अबाधित राखण्यासाठी प्रशासनाला सहकार्य करावे. नांदेडवासियांनी कोणतेही दडपण व दबावाखाली न राहता दैनंदिन व्यवहार सुरळीत ठेवावेत, असे आवाहनही धीरजकुमार यांनी केले आहे. गाडीपुरा भागातील घटनेच्या पार्श्‍वभूमीवर जिल्हाधिकारी धीरजकुमार व जिल्हा पोलिस अधीक्षक परमजितसिंह दहीया यांच्यासह वरिष्ठ अधिकार्‍यांनी प्रत्यक्ष घटना परिसराची जाऊन पाहणी केली. यासंदर्भात धीरजकुमार म्हणाले, पोलिस दल व महसूल प्रशासनातील वरिष्ठ अधिकार्‍यांच्या समन्वयातून परिस्थितीवर पूर्णपणे नियंत्रण राखण्यात आले आहे. परंतु अप्रिय घटनांच्या अडून अफवा पसरविणार्‍यांविरूद्ध कठोर कारवाईच्या सूचना देण्यात आल्या आहेत. तसेच या दुर्देवी घटनेनंतर कुठेही अनुचित प्रकार घडू नये यासाठी संपूर्ण बंदोबस्त असल्याचेही ते म्हणाले. /(प्रतिनिधी) इतवारा पोलिस ठाणे - २३६५१0, सिडको ग्रामीण - २२६३७३, 
वजिराबाद - २३६५00, विमानतळ - २२११00, 
भाग्यनगर - २६१३६४, शिवाजीनगर - २३६५२0 नागरिकांनी संपर्क साधा
शहरातील शांतता व सुव्यवस्थेला बाधा आणू पाहणार्‍या घटकांबाबत जिल्हास्तरीय आचारसंहिता कक्षातील नियंत्रण कक्ष 0२४६२- २४७२४७ या क्रमांकाशी संपर्क साधावा. तसेच खालील क्रमांकावरही संपर्क साधता येईल.
नांदेड शहरातील परिस्थिति आटोक्यात 

Saturday, 4 October 2014

Kailash Yadav Whis you Happy Dipavali

दीपावली के इस पावन अवसर पर आप सभी की मनोकामना माँ लक्ष्मी पूरी करे यही कामना के साथ हैप्पी दीपावली आने वाला साल आपके जीवन में खुशिया ही खुशिया लाये माँ लक्ष्मी से यही कामना

Thursday, 18 September 2014

Kailash Yadav Nanded with famous columnist Praveen Bardapurkar,Dr.Deepak Shinde,Shantnu Doiphode,Ram Shevadikar, Vasant Maiya

आपली विधानसभा भित्तिपत्रकाचे विमोचन करताना जेष्ट पत्रकार प्रवीण बर्दापुरकर सोबत डॉ कैलाश यादव
राम शेवड़ीकर,शांतनु डोईफोडे ,वसंत मैया, श्रीकांत बाहेती आणि विधार्थी गण

Wednesday, 16 July 2014

Kailash Yadav At Mumbai University With Director & Producer Of Hindi Film Mr.Bapu Sarvgood.

In our Hindi Film Industry we Saw Lot of Director Who launches there Movie with lots of  Headache
But in the same industry director like BAPU is the Milestone of Industry Bapu Made Lots of Movies like HOLY BASTARD ,AUDIT, PANCHALI  Ext.  

Monday, 12 May 2014

वेबदुनिया

पत्रकारिता की दुनिया, सारी दुनिया के बदलने के कई घंटे पहले बदल जाती है। यह सिर्फ एक कहावत नहीं है अंडे और चूजे की तरह, कि कौन पहले आया। दुनिया पहले बदलती है या पत्रकारिता पहले बदलती है। सच चाहे जो हो जरूरी यह है पत्रकारिता को पहले बदलना चाहिए। आने वाले समय को सूँघकर अपने लक्ष्य और दिशा तय करनी चाहिए।

इंटरनेट के आगमन ने हमारी जिंदगी में सुख और सुविधा के रूप में जब दस्तक दी तो कोई नहीं सोच सकता था कि एक दिन यह घर-घर की क्रांतिकारी कहानी होगी। आरंभ में इसे अन्य आविष्कारों की तरह संदेह की नजर से देखा गया लेकिन जैसे-जैसे बदलाव की सुखद सुहानी बयार ने आम आदमी के मन को ठंडक पहुँचानी आरंभ की, इंटरनेट एक प्रामाणिक और विश्वसनीय साथी के रूप में पहचान पाता चला गया।

प्रिंट मीडिया की प्रकाशित विश्वसनीयता और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया की तेज दृश्य गति के अदभुत संयोजन का सुख देती वेब पत्रकारिता आज अपने चरम मुकाम पर है। लेकिन रात-दिन इसके साथ लगे रहने वाले पत्रकार हो चाहे नवागत पत्रकार, विद्यार्थी हो या अध्यापक, लंबे समय से इस समस्या से जुझ रहे थे कि वेब पत्रकारिता पर तथ्यात्मक और सैद्धांतिक सामग्री एक साथ एक स्थान पर उपलब्ध नहीं हो पाती थी। इस दृष्टि से वरिष्ठ पत्रकार श्याम माथुर बधाई के पात्र हैं कि उन्होंने अपनी नई पुस्तक 'वेब पत्रकारिता' के माध्यम से एक साथ कई समस्याओं का निराकरण किया है।

राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर से प्रकाशित इस पुस्तक में इंटरनेट की तकनीकी शब्दावलियों से लेकर वेब पत्रकारिता के तमाम व्यावहारिक पक्षों पर सटीक और सुव्यवस्थित प्रकाश डाला है। साइबर स्पेस, वर्ल्ड वाइड वेब, संभावनाएँ और सीमाएँ, वेब के लिए समाचार लेखन, वेब के लिए संपादन, लेआउट, डिजाइनिंग, ब्लॉग के विविध रूप, ऑनलाइन मीडिया का वर्तमान परिदृश्य, साइबर क्राइम जैसे अलग-अलग बिन्दुओं के माध्यम से हर पक्ष को बारीकी से परखा गया है। 

पुस्तक का सर्वाधिक आकर्षक पक्ष है, विश्व के प्रथम हिन्दी और भाषाई पोर्टल वेबदुनिया डॉट कॉम पर ‍दिया गया आलेख। वेब पत्रकारिता के क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर इस पोर्टल ने अद्वितीय पहचान स्थापि‍त की है। आज जबकि इंटरनेट पर ब्लॉग और पोर्टलों की बहार छाई हुई है, वेबदुनिया अपनी प्रामाणिक और भावपूर्ण सामग्री के साथ तब से अविचल खड़ा है, जब इस तरह की बातें सोचना भर ही आधुनिक होने की निशानी मानी जाती थी। 

वेबदुनिया तब भी‍ अस्तित्व में था जब वेब पत्रकारिता के बारे में भारत में तरीके से विचार करना भी आरंभ नहीं हुआ था। यह वेबदुनिया के युवा नेतृत्व विनय छजलानी जी की दूरदर्शिता और साहस का परिचायक था कि न सिर्फ उन्होंने जोखिम उठाया बल्कि सफलतापूर्वक उसे निभाया भी। यहाँ उस कहावत को स्मरण करना स्वाभाविक है कि पहले दुनिया बदलती है या पत्रकारिता की दुनिया। जवाब हाजिर है कि दुनिया बदले न बदले पत्रकारिता को बदलना ही होगा। 

पुस्तक में वेबदुनिया के सफर की कही-अनकही दास्ताँ को पढ़ना हर वेब पत्रकार के लिए दिलचस्प होगा। वेबदुनिया को महज पोर्टल समझने वाले अधिकांश पाठकों को यह जानकार आश्चर्य हो सकता है कि वेबदुनिया उनकी कल्पना से परे कितनी अन्य अनमोल इंटरनेट व मोबाइल सेवाएँ दे रही है। पुस्तक के अंत में पारिभाषिक शब्दावली देकर लेखक ने इंटरनेट की दुनिया के हर अभ्यागत पर उपकार किया है। लेखक श्याम माथुर ने हिन्दी में वेब पत्रकारिता की स्तरीय सामग्री की एक बहुत बड़ी रिक्तता को दूर किया है। भाषा की सरलता हर उम्र के पाठक के लिए उपयोगी है। कीमत भी उचित है। 

Kailash Yadav