Monday 12 May 2014

वेबदुनिया

पत्रकारिता की दुनिया, सारी दुनिया के बदलने के कई घंटे पहले बदल जाती है। यह सिर्फ एक कहावत नहीं है अंडे और चूजे की तरह, कि कौन पहले आया। दुनिया पहले बदलती है या पत्रकारिता पहले बदलती है। सच चाहे जो हो जरूरी यह है पत्रकारिता को पहले बदलना चाहिए। आने वाले समय को सूँघकर अपने लक्ष्य और दिशा तय करनी चाहिए।

इंटरनेट के आगमन ने हमारी जिंदगी में सुख और सुविधा के रूप में जब दस्तक दी तो कोई नहीं सोच सकता था कि एक दिन यह घर-घर की क्रांतिकारी कहानी होगी। आरंभ में इसे अन्य आविष्कारों की तरह संदेह की नजर से देखा गया लेकिन जैसे-जैसे बदलाव की सुखद सुहानी बयार ने आम आदमी के मन को ठंडक पहुँचानी आरंभ की, इंटरनेट एक प्रामाणिक और विश्वसनीय साथी के रूप में पहचान पाता चला गया।

प्रिंट मीडिया की प्रकाशित विश्वसनीयता और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया की तेज दृश्य गति के अदभुत संयोजन का सुख देती वेब पत्रकारिता आज अपने चरम मुकाम पर है। लेकिन रात-दिन इसके साथ लगे रहने वाले पत्रकार हो चाहे नवागत पत्रकार, विद्यार्थी हो या अध्यापक, लंबे समय से इस समस्या से जुझ रहे थे कि वेब पत्रकारिता पर तथ्यात्मक और सैद्धांतिक सामग्री एक साथ एक स्थान पर उपलब्ध नहीं हो पाती थी। इस दृष्टि से वरिष्ठ पत्रकार श्याम माथुर बधाई के पात्र हैं कि उन्होंने अपनी नई पुस्तक 'वेब पत्रकारिता' के माध्यम से एक साथ कई समस्याओं का निराकरण किया है।

राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर से प्रकाशित इस पुस्तक में इंटरनेट की तकनीकी शब्दावलियों से लेकर वेब पत्रकारिता के तमाम व्यावहारिक पक्षों पर सटीक और सुव्यवस्थित प्रकाश डाला है। साइबर स्पेस, वर्ल्ड वाइड वेब, संभावनाएँ और सीमाएँ, वेब के लिए समाचार लेखन, वेब के लिए संपादन, लेआउट, डिजाइनिंग, ब्लॉग के विविध रूप, ऑनलाइन मीडिया का वर्तमान परिदृश्य, साइबर क्राइम जैसे अलग-अलग बिन्दुओं के माध्यम से हर पक्ष को बारीकी से परखा गया है। 

पुस्तक का सर्वाधिक आकर्षक पक्ष है, विश्व के प्रथम हिन्दी और भाषाई पोर्टल वेबदुनिया डॉट कॉम पर ‍दिया गया आलेख। वेब पत्रकारिता के क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर इस पोर्टल ने अद्वितीय पहचान स्थापि‍त की है। आज जबकि इंटरनेट पर ब्लॉग और पोर्टलों की बहार छाई हुई है, वेबदुनिया अपनी प्रामाणिक और भावपूर्ण सामग्री के साथ तब से अविचल खड़ा है, जब इस तरह की बातें सोचना भर ही आधुनिक होने की निशानी मानी जाती थी। 

वेबदुनिया तब भी‍ अस्तित्व में था जब वेब पत्रकारिता के बारे में भारत में तरीके से विचार करना भी आरंभ नहीं हुआ था। यह वेबदुनिया के युवा नेतृत्व विनय छजलानी जी की दूरदर्शिता और साहस का परिचायक था कि न सिर्फ उन्होंने जोखिम उठाया बल्कि सफलतापूर्वक उसे निभाया भी। यहाँ उस कहावत को स्मरण करना स्वाभाविक है कि पहले दुनिया बदलती है या पत्रकारिता की दुनिया। जवाब हाजिर है कि दुनिया बदले न बदले पत्रकारिता को बदलना ही होगा। 

पुस्तक में वेबदुनिया के सफर की कही-अनकही दास्ताँ को पढ़ना हर वेब पत्रकार के लिए दिलचस्प होगा। वेबदुनिया को महज पोर्टल समझने वाले अधिकांश पाठकों को यह जानकार आश्चर्य हो सकता है कि वेबदुनिया उनकी कल्पना से परे कितनी अन्य अनमोल इंटरनेट व मोबाइल सेवाएँ दे रही है। पुस्तक के अंत में पारिभाषिक शब्दावली देकर लेखक ने इंटरनेट की दुनिया के हर अभ्यागत पर उपकार किया है। लेखक श्याम माथुर ने हिन्दी में वेब पत्रकारिता की स्तरीय सामग्री की एक बहुत बड़ी रिक्तता को दूर किया है। भाषा की सरलता हर उम्र के पाठक के लिए उपयोगी है। कीमत भी उचित है। 

Kailash Yadav


Friday 9 May 2014

जाब राज्य में लोकसभा चुनाव लड़ रहे पुरुष उम्मीदवारों की संख्या 234 है

फरीदकोट। पूरे पंजाब राज्य में लोकसभा चुनाव लड़ रहे पुरुष उम्मीदवारों की संख्या 234 है जबकि चुनाव में खड़ी महिला प्रत्याशियों की संख्या मात्र 19 है और फरीदकोट (सु) ऐसा संसदीय क्षेत्र है जहां से शिरोमणि अकाली दल की वर्तमान सांसद परमजीत कौर गुलशन सहित पांच महिलाएं चुनाव मैदान में हैं। दिलचस्प बात यह है कि कुल तीन महिला प्रत्याशियों के नाम परमजीत हैं।

Tuesday 6 May 2014

राजमोहन गांधी

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महात्मा गांधी के पोते और आम आदमी पार्टी की राष्‍ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्‍य राजमोहन गांधी का जन्‍म 1935 में हुआ था। वे गांधीजी के सबसे छोटे पुत्र देवदास गांधी के पुत्र हैं। 

राजमोहन की पत्‍नी का नाम उषा गांधी हैं। उनके पुत्र का नाम देवदत्‍त व पुत्री का नाम सुप्रिया है। राजमोहन अमेरिका की इलिनॉइस यूनिवर्सिटी में दक्षिण एशिया और मध्‍य-पूर्वी अध्‍ययन केंद्र में रिसर्च प्रोफेसर हैं। 

उनकी कई पुस्‍तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। इनमें विशेष रूप से दक्षिण एशिया के इतिहास और सामाजिक गतिविधियों के विषय हैं। 1990 में उन्‍होंने संयुक्‍त राष्‍ट्र के मानवाधिकार आयोग के जेनेवा सम्‍मेलन में भारत का प्रतिनिधित्‍व किया था। राजमोहन 1990 से 1992 तक राज्‍यसभा के सदस्‍य रह चुके हैं। 

1989 में उन्‍होंने राजीव गांधी के विरुद्ध अमेठी से चुनाव लड़ा, पंरतु विफल रहे। 21 फरवरी 2014 को उन्‍होंने आम आदमी पार्टी में शामिल होने का निर्णय लिया और लोकसभा चुनाव 2014 में वे पूर्वी दिल्‍ली से चुनाव लड़ने जा रहे हैं।

जय अम्बे गौरी मैया

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जय अम्बे गौरी मैया जय मंगल मूर्ति ।
तुमको निशिदिन ध्यावत हरि ब्रह्मा शिव री ॥टेक॥
मांग सिंदूर बिराजत टीको मृगमद को ।
उज्ज्वल से दोउ नैना चंद्रबदन नीको ॥जय॥
कनक समान कलेवर रक्ताम्बर राजै।
रक्तपुष्प गल माला कंठन पर साजै ॥जय॥
केहरि वाहन राजत खड्ग खप्परधारी ।
सुर-नर मुनिजन सेवत तिनके दुःखहारी ॥जय॥
कानन कुण्डल शोभित नासाग्रे मोती ।
कोटिक चंद्र दिवाकर राजत समज्योति ॥जय॥
शुम्भ निशुम्भ बिडारे महिषासुर घाती ।
धूम्र विलोचन नैना निशिदिन मदमाती ॥जय॥
चौंसठ योगिनि मंगल गावैं नृत्य करत भैरू।
बाजत ताल मृदंगा अरू बाजत डमरू ॥जय॥
भुजा चार अति शोभित खड्ग खप्परधारी।
मनवांछित फल पावत सेवत नर नारी ॥जय॥
कंचन थाल विराजत अगर कपूर बाती ।
श्री मालकेतु में राजत कोटि रतन ज्योति ॥जय॥
श्री अम्बेजी की आरती जो कोई नर गावै ।

Dr Kailash Yadav Nanded On Darpan Din 2014 with Dr.Deepak Shinded, Manisha Mhaiskar and Others


Dr Kailash Yadav On "Darpan Din" Celebration 2014 SRTMU Nanded.


Dr.Kailash Yadav Memory of Rajasthan SUNHARE PAL