Saturday 10 December 2011
Saturday 26 November 2011
अखबार शुरू करना
भारत में छपने तथा प्रकाशित होने वाले समाचारपत्र एवं आवधिक प्रेस एवं पुस्तक पंजीकरण अधिनियम, 1867 तथा समाचारपत्रों के पंजीकरण(केन्द्रीय) नियम, 1956 द्वारा नियंत्रित होते हैं ।
अधिनियम के अनुसार, किसी भी समाचार पत्र अथवा आवधिक का शीर्षक उसी भाषा या उसी राज्य में पहले से प्रकाशित हो रहे किसी अन्य समाचारपत्र या आवधिक के समान या मिलता‑जुलता न हो, जब तक कि उस शीर्षक का स्वामित्व उसी व्यक्ति के पास न हो ।
इस शर्त के अनुपालन को सुनिश्चित करने के लिए ,भारत सरकार ने समाचारपत्रों का पंजीयक नियुक्त किया है , जिन्हें प्रेस पंजीयक भी कहा जाता है, जो भारत में प्रकाशित होने वाले समाचारपत्रों एवं आवधिकों की पंजिका का रख‑ रखाव करते हैं ।
भारत के समाचारपत्रों के पंजीयक का कार्यालय का मुख्यालय नई दिल्ली में है तथा देश के सभी क्षेत्रों की जरूरतों को पूरा करने के लिए कोलकाता,मुंबई तथा चेन्नई में तीन क्षेत्रीय कार्यालय भी हैं । कार्यालयों के पते एवं कार्यक्षेत्र के अंतर्गत आने वाले क्षेत्र निम्नानुसार हैं –
आर.एन.आई. के विभिन्न कार्यालयों के अंतर्गत आने वाले क्षेत्र
| पता | इसके अंतर्गत क्षेत्र |
1. | भारत के समाचारपत्रों के पंजीयक का कार्यालय,मुख्यालय पश्चिमी खंड‑8,स्कंध‑2, आर.के.पुरम,नई दिल्ली‑110066 दूरभाष 26107504/26108432 फैक्स‑26176553 | पूरा देश 1 परिचालन के लिए, निम्न राज्यों का सत्यापन: जम्मू व कश्मीर ,हिमाचल प्रदेश,पंजाब,
हरियाणा,चण्डीगढ़,दिल्ली,उत्तर प्रदेश,
मध्य प्रदेश ,राजस्थान |
2. | भारत के समाचारपत्रों के पंजीयक का क्षेत्रीय कार्यालय,एम.एस.ओ.भवन,बलॉक डी एफ
द्वितीय तल , पो0 सी.सी.ब्लॉक, सॉल्ट लेक,कोलकाता‑700064 दूरभाष‑3378494 | पश्चिम बंगाल,
बिहार,उड़ीसा,सिक्किम,
असम,नागालैंड,मणिपुर,त्रिपुरा,अरूणाचल प्रदेश,मेघालय,अण्डेमान व निकोबार द्वीप समूह
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3. | भारत के समाचारपत्रों के पंजीयक का क्षेत्रीय कार्यालय, ए‑1,विगं,निचला तल,नया सी.जी.ओ.कॉम्पलेक्स, सी.बी.डी,बेलापुर, नवी मुंबई‑400614 दूरभाष: 27572953 | महाराष्ट्र,गुजरात,गोआ,दमन व दीव, दादरा एवं नगर हवेली
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4. | भारत के समाचारपत्रों के पंजीयक का क्षेत्रीय कार्यालय, बी‑ ब्लाक,बी स्कंध, (बी‑2‑बी) सी.जी.ओ.कॉम्पलेक्स राजाजी भवन, बेसंत नगर,चेन्नई‑600090 दूरभाष‑24911275 | तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक ,केरल, पांडिचेरी लक्षद्वीप
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प्रेस एवं पुस्तक पंजीकरण अधिनियम के अनुसार , मुद्रक एवं प्रकाशक को जिला/महाप्रांत/उप‑प्रखण्ड दण्डाधिकारी के समक्ष घोषणा करनी होती है , जिसके स्थानीय अधिकारक्षेत्र के अधीन समाचारपत्र मुद्रित अथवा प्रकाशित किया जाएगा, कि वह उक्त समाचारपत्र का मुद्रक/प्रकाशक है ।
घोषणा पत्र में समाचारपत्र संबंधी सभी विवरण शामिल होने चाहिए , जैसे कि किस भाषा में प्रकाशित होगा ,प्रकाशन का स्थान इत्यादि । समाचारपत्र के प्रकाशन से पहले दण्डाधिकारी द्वारा घोषणा पत्र को अधिप्रमाणित किया जाना चाहिए ।
अधिप्रमाणन से पहले , दण्डाधिकारी समाचारपत्रों के पंजीयक से छानबीन करने के बाद यह पुष्टि करता है कि प्रेस एवं पुस्तक पंजीकरण अधिनियम की धारा 6 में उल्लिखित शर्तों का पालन हो रहा है ।
भारत के समाचारपत्रों के पंजीयक का कार्यालय स्थापना एवं कार्य
भारत के समाचारपत्रों के पंजीयक का कार्यालय , जो आम तौर पर आर.एन.आई. के नाम से जाना जाता है , पहली जुलाई 1956 को अस्तित्व में आया । इसकी स्थापना प्रथम प्रेस आयोग 1953 की सिफारिश पर प्रेस एवं पुस्तक पंजीयन अधिनियम 1867 में संशोधन करके की गई थी । प्रेस एवं पुस्तक पंजीयन अधिनियम में भारतीय समाचारपत्रों के पंजीयक के कर्तव्यों और कार्यों को दिया गया है । पिछले कुछ वर्षों के दौरान भारत के समाचारपत्रों के पंजीयक को सौंपे गए कुछ और दायित्वों के कारण यह कार्यालय कुछ विधि विहित और कुछ सामान्य दोनों तरह के कार्य कर रहा है ।
विधि विहित कार्यों के अन्तर्गत निम्नलिखित आते है:‑
(1) देश भर में प्रकाशित समाचारपत्रों का एक रजिस्टर तैयार करना , उसका रख रखाव करना और उसमें समाचारपत्रों का विवरण संकलित करना
(2) वैध घोषणा के अन्तर्गत प्रकाशित समाचारपत्रों को पंजीकरण प्रमाणपत्र जारी करना ,
(3) समाचारपत्रों के प्रकाशकों द्वारा प्रेस एवं पुस्तक पंजीयन अधिनियम की धारा 19‑डी के अन्तर्गत प्रसारण स्वामित्व , आदि सूचना के साथ प्रति वर्ष भेजे गए वार्षिक विवरण की जांच और विश्लेषण करना
(4) इच्छुक प्रकाशकों को घोषणा दायर करने के लिए जिला मजिस्ट्रेटों को उपलब्ध नामों की सूचना देना ,
(5) यह सुनिश्चित करना कि समाचारपत्र प्रेस और पुस्तक पंजीयन अधिनियम के प्रावधानों के अन्तर्गत प्रकाशित किए जाते हैं ,
(6) प्रेस और पुस्तक पंजीयन अधिनियम की धारा 19‑एफ के अन्तर्गत प्रकाशकों द्वारा अपने वार्षिक विवरणों में दिए गए प्रसार दावों की जांच करना ,और
(7) भारत में प्रेस के बारे में उपलब्ध समस्त सूचना तथा आंकड़ों और विशेष रूप से प्रसार तथा समान स्वामित्व वाली इकाइयों के क्षेत्र में उभरती प्रवृत्तियों के उल्लेख के साथ एक रिपोर्ट तैयार करना और उसे प्रति वर्ष 31 दिसम्बर को या उससे पहले सरकार को प्रस्तुत करना ।
सामान्य कार्यों के अन्तर्गत निम्नलिखित कार्य आते हैं;‑
(1) अखबारी कागज आबंटन नीति और दिशा‑ निर्देशों का क्रियान्वयन और समाचारपत्रों का पात्रता प्रमाणपत्र जारी करना ताकि वे अखबारी कागज का आयात कर सकें और हकदारी प्रमाणपत्र जारी करना ताकि वे देशी अखबारी कागज प्राप्त कर सकें ।
(2) समाचारपत्र प्रतिष्ठानों की मुद्रण और कम्पोजिंग मशीनें और अन्य संबंधित सामग्री आयात करने की आवश्यक जरूरतों को मूल्यांकित और प्रमाणित करना ।
Sunday 13 November 2011
पूर्व राष्ट्रपति डॉ.अब्दुल कलाम आजाद का अपमान
पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम के साथ अमरीका का यह अपमानजनक व्यवहार पहली बार नहीं हुआ है, इससे पहले भारतीय भूमि पर भी अमरीका सुरक्षा एजेंसियां उनकी जांच की अप्रिय कार्रवाई कर चुकी हैं। अमरीका के लिए भले यह सुरक्षा जांच भर होए लेकिन किसी राजनयिक के साथ इस तरह की कार्रवाई उसके देश का अपमान है
Monday 10 October 2011
Monday 1 August 2011
पाकिस्तान की नयी विदेश मंत्री अलगाव वादी नेताओं से मुलाकात की
हिना ने जम्मू एवं कश्मीर के अलगाववादी संगठन, हुर्रियत कांफ्रेंस के प्रमुख मीरवाइज उमर फारुख और सैयद अली गिलानी से मंगलवार देर रात मुलाकात की है. मीटिंग में क्या हुआ इस बारे में अभी तक कुछ भी पता नहीं हैं लेकिन मीटिंग के बाद मीरवाइज उमर फारुख के चेहरे पर काफी इत्मीनान नजर आया.
Sunday 24 July 2011
यह किस तरह का कानून है ?
Tuesday 19 July 2011
Sunday 3 July 2011
टीम इंडिया को कुछ कठोर फ़ैसले लेना ज़रूरी है.
यूसुफ़ धमाकेदार हैं, पर विश्वकप में रुतबे के मुताबिक नहीं खेल रहे हैं. उन्होंने 5 मैचों में 63 रन बनाए हैं. तो क्या विश्वविजय के सपने को ताक पर रखकर उन्हें एक और मौका दें? या आर. अश्विन को आज़माएं. माना कि अश्विन एक सरप्राइज पैकेज हैं, लेकिन कहीं ऐसा न हो कि सरप्राइज डिब्बे में बंद ही रह जाए.
Tuesday 10 May 2011
Sunday 24 April 2011
मनुष्य और देवता
मनुष्य और देवता
मनुष्य और देवता
Tuesday 15 March 2011
Tuesday 8 March 2011
कॉफी अच्छी तो है पर.. , सिर्फ स्त्रियों के लिए
Monday 7 March 2011
'ग़लती' हुई भ्रष्टाचार शर्मिंदगी की वजह: मनमोहन
सतर्कता आयुक्त पीजे थॉमस की नियुक्ति तीन सदस्यीय पैनल करता है जिसके प्रमुख प्रधानमंत्री होते हैं. इसके अलावा पैनल के सदस्य गृह मंत्री और विपक्ष के नेता होते हैं.
थॉमस की नियुक्ति के फ़ैसले के दौरान सुषमा स्वराज ने आपत्ति जताई थी लेकिन इसके बावजूद सरकार ने थॉमस को ही सीवीसी बनाने का फ़ैसला किया था.
यह मामला कोर्ट में गया और सुप्रीम कोर्ट ने अपने फ़ैसले में सीवीसी की नियुक्ति को निरस्त कर दिया.